भगवद्गीता, अध्याय 1, श्लोक 8
भगवद्गीता, अध्याय 1, श्लोक 8
श्लोक:
भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिंजयः।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च।।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हिंदी में अर्थ:
दुर्योधन ने कहा:
"आप (द्रोणाचार्य), पितामह भीष्म, कर्ण, युद्ध में अपराजेय कृपाचार्य, अश्वत्थामा, विकर्ण और सौमदत्ति (भूरिश्रवा) भी हमारी सेना के प्रमुख योद्धा हैं।"
शब्दार्थ:
1. भवान्: आप।
2. भीष्मः भीष्म।
3. कर्णः कर्ण।
4. कृपः कृपाचार्य।
5. समितिंजयः युद्ध में विजय प्राप्त करने वाले।
6. अश्वत्थामा: अश्वत्थामा।
7. विकर्णः विकर्ण।
8. सौमदत्तिः सौमदत्ति (भूरिश्रवा)।
9. तथैव: उसी प्रकार।
10. च: और।
बच्चों को शब्दों के अर्थ और उपयोग समझाने के लिए वाक्य:
शब्दों का आधुनिक संदर्भ और उपयोग
1. भवान् (आप):
"हमारे भरतिया संस्कृति मे बच्चों को पारी वार के माध्यम से सिखाया जाता है अपने से आयु मे बड़े को आप बोल कर बुलाना चाहिए"
संदेश: हमे अपने से बड़ों को सम्मान के साथ सम्बोधित करना चाहिए यही भारत की परम्परा है।
2. भीष्मः (भीष्म):
"भीष्म पितामह का जीवन हमें सिखाता है कि आज के समय में भी अपने कर्तव्यों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।"
संदेश: जिम्मेदारी और नैतिकता आज भी समाज का आधार है।
3. कर्णः (कर्ण):
"कर्णः का दानशील स्वभाव हमें प्रेरित करता है कि हमें जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए, चाहे डिजिटल युग हो या पारंपरिक।"
संदेश: आधुनिक समय में दूसरों की मदद करना, जैसे कि ऑनलाइन सहायता या दान, हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
4. कृपः (कृपाचार्य):
"कृपः जैसे गुरु हमें सिखाते हैं कि तकनीकी ज्ञान के साथ जीवन मूल्यों को जोड़कर समाज में योगदान देना चाहिए।"
संदेश: आज के गुरु शिक्षा में तकनीकी और नैतिक मूल्यों का समावेश करें।
5. समितिंजयः (युद्ध में विजय प्राप्त करने वाले):
"जो संयम और धैर्य रखते हैं, वे समितिंजयः बनकर कठिनाइयों से उभर सकते हैं, चाहे वह परीक्षा हो या करियर।"
संदेश: आधुनिक चुनौतियों का सामना संयम और अनुशासन से करें।
6. अश्वत्थामा (अश्वत्थामा):
"अश्वत्थामा की तरह हमें आधुनिक शिक्षा और तकनीक को अपनाते हुए साहस और नवीनता दिखानी चाहिए।"
संदेश: आज की शिक्षा में नई सोच और साहस को प्रोत्साहित करें।
7. विकर्णः (विकर्ण):
"विकर्णः का जीवन हमें सिखाता है कि आज भी हमें सच्चाई और ईमानदारी से काम करना चाहिए, चाहे सोशल मीडिया हो या व्यक्तिगत जीवन।"
संदेश: सच्चाई और ईमानदारी डिजिटल युग में भी स्थायी मूल्य हैं।
8. सौमदत्तिः (सौमदत्ति):
"सौमदत्तिः हमें प्रेरणा देता है कि जीवन में दृढ़ संकल्प से ही लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, चाहे वह शिक्षा हो या कोई अन्य क्षेत्र।"
संदेश: जीवन में लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनुशासन और मेहनत जरूरी है।
9. तथैव (उसी प्रकार):
"यदि आप मेहनत करेंगे, तथैव आप आधुनिक समाज में सफल हो सकते हैं।"
संदेश: मेहनत और धैर्य से सफलता हर युग में संभव है।
10. च (और):
"पढ़ाई और खेल, दोनों ही जीवन को संतुलित और सुखमय बनाते हैं।"
संदेश: शिक्षा और मनोरंजन का संतुलन आधुनिक समय की जरूरत है।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
कविता: आधुनिक आदर्श
।।ZARRA SINGH।।
सच के संग चलना है,
नई सोच अपनाना है।
पढ़ाई और खेल संग लेकर,
जीवन को साकार बनाना है।
शिक्षा में नयापन लाओ,
आधुनिकता का ज्ञान बढ़ाओ।
हर चुनौती को अपनाओ,
आत्मज्ञानी बन दिखाओ।
सपनों को साकार करो,
अनुशासन का आधार रखो।
नए युग के नायक बनो,
दुनिया में आदर्श गढ़ो।
भरो बच्चों आगे बढ़ो
नये जमाने का हाथ पकड़ो
लगे रहो सीखने में
नई सोच से आगे बढ़ो
।।विशेष आग्रह।।
"प्रिय बच्चों, आप जब अपनी उम्र से बड़ी हो जाओगे और जीवन के अनुभवों से गुजरेंगे, तब अवश्य संपूर्ण भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन करें। यह ज्ञान न केवल आपके जीवन को सही दिशा देगा, बल्कि समाज में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में भी सहायक होगा।"
"अगर अगले 20 सालों में 20% बच्चे भी गीता का ज्ञान अपनाते हैं, तो भारत का भविष्य उज्जवल होगा।"आप भी सहायक बनिए। कम से कम 20 बच्चों को आप प्रदान कर दीजिए इस लेख को।।
आज का बीच कल फल बनेगा।
कल का बीज फिर से पेड़ बनेगा।
आजअगर रोपण ना किया तो।
कल का फल कैसे मिलेगा।
।। ZARRA SINGH ।।
फिर मिलते हैं नई-नई खोज के साथ।। आपके लिए।।
भगवत गीता के अध्याय 1, श्लोक 09. के विशेष पर्व में।।

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