भगवद्गीता, अध्याय 1, श्लोक 7
भगवद्गीता, अध्याय 1, श्लोक 7
।।भगवत गीता।।भगवत गीता।।भगवत गीता।।
।।भगवत गीता।।भगवत गीता।।भगवत गीता।।
श्लोक:
अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।
नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते।।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हिंदी में अर्थ:
दुर्योधन ने द्रोणाचार्य से कहा:
"हे श्रेष्ठ ब्राह्मण (द्विजोत्तम), अब हमारे पक्ष के उन प्रमुख योद्धाओं को जानिए, जो हमारी सेना के नायक हैं। आपकी जानकारी के लिए मैं उनका नाम बताता हूँ।"
शब्दार्थ:
01.अस्माकं - हमारे।
02.तु - तो।
03..विशिष्टा - विशेष।
04.निबोध - जानो।
05..द्विजोत्तम - श्रेष्ठ ब्राह्मण (द्रोणाचार्य के लिए)।
06.नायकाः - नेता।
07.मम - मेरे।
08.सैन्यस्य - सेना का।
09..संज्ञार्थम् - परिचय के लिए।
10.तान् - उनको।
12.ब्रवीमि - कहता हूँ।
13.ते - तुम्हारे लिए।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
बच्चों को शब्दों के अर्थ और उपयोग समझाने के लिए सामाजिक और नैतिक मूल्य जोड़ते हुए प्रत्येक शब्द का एक वाक्य इस प्रकार बनाया गया है
1. अस्माकं (हमारे): "हमारा विद्यालय स्वच्छ और सुंदर है, इसलिए हमें इसे साफ रखना चाहिए।"
2. तु (तो): "यदि तुम समय पर पढ़ाई करोगे, तो अच्छे अंक प्राप्त करोगे।"
3. विशिष्टा (विशेष): "हर बच्चा अपनी विशिष्टता से पहचाना जाता है, इसलिए हमें अपनी खूबियों को समझना चाहिए।"
4. निबोध (जानो): "निबोध करो जानो कि जीवन में अनुशासन सफलता का पहला कदम है।"
5. द्विजोत्तम (श्रेष्ठ ब्राह्मण): "हमारे विद्यालय में द्विजोत्तम जैसे शिक्षक हैं, जो हमें हमेशा सही राह दिखाते हैं।"
6. नायकाः (नेता): "नेता वही बनता है, जो अपने साथियों का सम्मान करे और उन्हें सही दिशा दिखाए।"
7. मम (मेरे): "माता-पिता मेरे सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं।"
8. सैन्यस्य (सेना का): "सैनिक सेना कि शक्ति हैं, जो हमारी सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करते हैं।"
9. संज्ञार्थम् (परिचय के लिए): "साहित्य के अध्ययन का उद्देश्य शब्दों के संज्ञार्थम् को समझना है।"
10. तान् (उनको): "यदि कोई मदद मांगे, तो उनको मना नहीं करना चाहिए।"
11. ब्रवीमि (कहता हूँ): "मैं हमेशा कहता हूं कि सच्चाई और ईमानदारी का पालन करो।"
12. ते (तुम्हारे): "तुम्हारे कार्य हमेशा तुम्हारे भविष्य को संवारने के लिए होने चाहिए।"
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।।हरे कृष्णा।
बच्चों के हित में संदेश:
इन वाक्यों के माध्यम से बच्चों को न केवल संस्कृत शब्दों का ज्ञान मिलेगा, बल्कि उन्हें सामाजिक और नैतिक गुण भी सीखने को मिलेंगे, जैसे कि स्वच्छता, अनुशासन, सच्चाई, और ईमानदारी का महत्व।
कविता: स्वच्छ विचार
"ZARRA SINGH
सुंदर है यह संसार,
स्वच्छता का रखो विचार।
हर कोना हो साफ-सुथरा,
मन में रखो यह विचार
तुम सच के संग चलो,
विजय मिल जाएगा
मेहनत से मत भागो कभी,
नतीजे से पछताएगा
सीखो जीवन है एक पाठ,
हो हाथ कर्म के साथ
अनुशासन की राह पकड़ लो,
सफलता खुद देगी साथ।
माता-पिता का करो मान,
हमेशा रहे यह सम्मान
उनकी बातें सुनो हमेशा,
माता-पिता है भगवान
ज्ञान के इस अमूल्य खजाने,
से बनाओ जीवन साकार।
अंधकार मिटे जीवन से
ज्ञान बनाए आधार
।।ZARRA SINGH।।
।।विशेष आग्रह।।
"प्रिय बच्चों, आप जब अपनी उम्र से बड़ी हो जाओगे और जीवन के अनुभवों से गुजरेंगे, तब अवश्य संपूर्ण भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन करें। यह ज्ञान न केवल आपके जीवन को सही दिशा देगा, बल्कि समाज में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में भी सहायक होगा।"
"अगर अगले 20 सालों में 20% बच्चे भी गीता का ज्ञान अपनाते हैं, तो भारत का भविष्य उज्जवल होगा।"आप भी सहायक बनिए। कम से कम 20 बच्चों को आप प्रदान कर दीजिए इस लेख को।।
आज का बीच कल फल बनेगा।
कल का बीज फिर से पेड़ बनेगा।
आजअगर रोपण ना किया तो।
कल का फल कैसे मिलेगा।
।। ZARRA SINGH ।।
फिर मिलते हैं नई-नई खोज के साथ।। आपके लिए।।
भगवत गीता के अध्याय 1, श्लोक 08. के विशेष पर्व में।।



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